मत हो मायूस सुन कर लोहार की बाते
सोने का परख तो बस सोनार ही जाने
आज खर पतवार है तो कोई बात नहि
कल फूल खिल सकता हैं ,है परमान ये
मत हो………
सूरज चमका हैं चमकेगा
बादल बरसा हैं बरसेगा
चिड़िया चहकी हैं चहकेगी
बगिया महकी हैं मैहकेगी
कोई रोक सकेगा क्या
तेरे भीतर यदि आग हैं
धुआ उठकर रहेगा
कोई लाख दबाना चाहे
ये दिख कर रहेगा
मशाल को नकार कर डिबिया प्रबल कैसे दिखे
मत हो………..
गैलिलयो की बाते तब किसने माना था
धरती हैं गोल घूमे सूरज चारोओर विचारा था
आर्यभट को तो सबने दोषी ठहराया
जब सूरज चान्द्र ग्रहन का उसने सत्य समझाया
पर आज उन्ही की बाते किताबे पढी जाए
सत्य अमर हैं प्यारे वो कब तक दब पाये
मत……
कर्म हैं तेरा काम बस करता जा प्यारे
फल की सोच ही डूब कर गुनवत्ता न घट जाए
ध्यान रहे कदम तेरा सहि राह पे ही जाये
परिवर्तित हैं ऊर्जा ताकी परिणाम सहि आए
मत………..
वाह। क्या बात है। परिवर्तन के ध्वजधारी को धैर्यवान और सहनशील होना होता है।