Homeअज्ञात कविचमचागीरी-76 चमचागीरी-76 budhpal अज्ञात कवि 07/06/2015 No Comments चमचों का जो काम है हमेशा से एक ही काम कर रहे हैं; पहले भी करते थे आज भी चमचागीरी कर रहे हैं. Tweet Pin It Related Posts क्या है ये ( तुम्हे नहीं पता क्या ) { Kya hai Ye } || कर्मों का गणित || वृक्ष लगाए, वृक्ष लगाए, About The Author budhpal मैं ३९ वर्षों की नौकरी में हर जगह चमचों से पीड़ित व्यथित व्यक्ति रहा हूँ. Leave a Reply Cancel reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.