=गुडिया=
खुशिया ले य आई अनन्त !
गुडिया आई ले बासन्त!!
आगन मे छाई किलकारी ,
आई नन्ही जान हमारी ,
चहल-पहल मची है हरदम ,
घर मे खुशहाली का आलम ,
अम्मा गोदी मे सुला रही ,
उसको झूला झुला रही ,
बडी क्रिपा की एकदन्त !
गुडिया आई ले बसन्त !!
(आनुज तिवारी “इन्दवार” )