तनहा हूँ और घर का खाली एक कोना है
और छुप-छुप कर बस पलकों को भिंगोना है
संघ दिल की यादों की जागिर मेंरा वसीयत
सांसो के चलने तक आजाब को ढ़ोना है
प्यार किया ऐसे बचपन का फसाना है
और मेरा दिल जैसे मिट्टी का खिलौना है
पत्थर कहे बेवफा कहे या फिर क्या कहें उसको
वैसे सब कहते हैं वो सीधा है सलोना है
उसकी निगाहों में खुदा था नूर थी कभी
अब जाना हूँ सब जादू है एक टोना है