एक बनेगा चमन मुहब्बत का
जब सबको सब समान दिखेगा
ये दुनिया जन्नत हो जाएगी
जब ईन्सानों में भगवान दिखेगा
मस्जिद में आरती की थाली सजेगी
और मन्दिर में आजान दिखेगा
हिन्दु का लब अल्लाह पुकारेगा
मियां के लब पे ईश्वर का गुनगान दिखेगा
भेदभाव मिट कर जब खाक बनेंगें
मुफलिस में जब मेहमान दिखेगा
हर सख्श जमीं पर ही जन्नत पा जायेगा
अगर यहां आदमियत का उनवान दिखेगा
हिन्दू मुस्लिम ना सिख ईसाई हैं
पहले सब भाई हैं ये पैगाम दिखेगा
वर्णन करता मंगल परमेश्वर से .बड़े -बड़े खड़े साज -राज बाजे !
पराधीन सा जन बन सो सब साज कैसे लायें मंगल राम राज ||
dhanyawaad sukhmangal ji