ईश्वर को सब पूजते, जाते मंदिर धाम l
मात-पिता के चरणों में, बसे है चारों धाम l
उनकी सेवा मात्र से,प्रसन्न हो भगवान l
जन्म सफल हो जायेंगे,करो यदि ये काम ll
मानव सेवा जो करे, वो सदा सुख पाएं l
मन की शांति उसे मिले, जन्म सफल हो जाएं l
भूखे को रोटी खिला, प्यासे को दो पानी l
उनके आशीर्वाद से, कभी न हो तुझे हानि ll
ईश्वर को सब पूजते, जाते मंदिर धाम l
मात-पिता के चरणों में, बसे है चारों धाम l
नारी है नारायणी,जो दे उसको मान l
लक्ष्मी घर विराजेंगी,भरे उसके धन-धानl
नारी के इस रूप में, देवी का रूप समाये l
इनकी सेवा मात्र से, कोई विघ्न न आये ll
ईश्वर सब के अंदर, रहता है विधमान l
मानव सेवा जो करे , दर्शन दें भगवान l
मंदिर जाओ या तुम, कर लो चारों धाम l
बिन मानव सेवा के, अधूरे है ये काम ll
बिन मानव सेवा के, अधूरे है सब काम ll
सबसे बड़ी सेवा मानव सेवा.
सबसे बड़ी पूजा माता पिता की पूजा
सबसे बड़ी सेवा मानव की सेवा
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