स्वाभिमान की माल गले,
अधर मुस्कान बिखेर रहें !
बेटे को ममता देती,
उसे दुख -सुख से निर्वाह करें !!
उसके तेज से डरे तपस्वी,
आदर्श चाल संसार भरे !
दीप की बाती सी जलती,
और अँधेरे से लड़े !!
साहस का संचार समय पर ,
हिम्मत कभी ना हारी !
अधिकार प्राप्त करने को ,
अकेली राह चले बेचारी!!
मर्दों को पीछे कर गई !
आज की कर्मठ धीर – वीर नारी !!
देश मे नफरत की
लगी आग बुझा दी !
आजादी की चाह मे
अपना सब कूछ लूटा दी !
परिवर्तन की राह मे
काँटे सभी हटा दी !
दुश्मनों की तकरार मे
अपनी जान गँवा दी !
सिसक-सिसक कर यूँ रातू मे
अपने आशू पी जाती वो !
सहम-सहम कर अपने ग़म मे
घुट-घुट कर रह जाती वो
अपनो को आँच ना आने देती
सब हँस कर सह जाती वो !
पर्वत के सम साहस उसका
निर्मल पानी सा दिल है !
कोमल मन निश्छ्ल नयन
ममता का प्यारा आँचल है !
पार द्रुश्टी संग भरा हुआ
आँखों मे खारा जल है !
नारी शक्ति है ऐसी काया
नारी मे संसार समाया !
नारी ने ही नर जना है
यज्ञ अपावन नारी बिना है !
ऊँचे पर्वत के शिखर पर
नारी ने परचम लहराया !
सेना मे भी नारी ने
अपना करतब दिखलाया !
नारी को कमजोर समझने वालों
ऐ दुर्जन अत्याचारी ,
जीवन के हर पहलू मे
है “नारी की हिस्सेदारी “!!
उसको भी हक उसका दो
और कभी ना अपमान करो !
अनुज कही सुन लो सभी
नारी का सम्मान करो !!
Anuj Tiwari
Indwar; Umaria (MP)