-
एक छोटी सी याद हमारी,
चेहरे को फूल सा खिला देंगी !
छेड़ो दिल के तार के
चेहरे पे रुआब आना अभी बाकी है !!यादो में बीत न जाए कही,
बाकी बचे चंद लम्हे जिंदगी के !
लौट आओ मेरे पास
के मरने में वक़्त अभी बाकी है !!सबको चले जाना है
छोड़ के महफ़िल एक दिन इस जहां से !
कही टूट न जाए
ये सांसो की डोर अभी बाकी है !!तोड़ दो बंधन यंहा
जमाने में सब झूठ और दिखावे के !
ना बैठो यूँ उदास
के जिंदगी का मिलन अभी बाकी है !!करेंगे गुफ्तगू तुम संग
किसी रोज़ बैठकर चाँद रात में !
उस हसीन ख्वाब को
हकीकत में बदलना अभी बाकी है !!!
!
!
( डी. के निवातियाँ )