कभी क़ातिल कभी ख़ुदा होगा
उनकी आँखों में क्या नहीं होगा ।।
अपने घर से जिधर भी जायेंगे
उनके घर का वो रास्ता होगा ।।
ऐ वक़्त ज़रा धीरे से बदल करवट
यार मेरा अभी सो रहा होगा ।।
तेरे दर पे जो आके जायेगा
उसका दामन सदा भरा होगा ।।
चेहरे से तो हसीन लगते हैं
उनके दिल में न जाने क्या होगा ।।
सोचता हूँ ‘आलेख’ अक्सर कि उनका
मेरे मारने के बाद क्या होगा ।।
— अमिताभ ‘आलेख’