Homeअज्ञात कविचमचागीरी-39 चमचागीरी-39 budhpal अज्ञात कवि 26/04/2015 No Comments वैसे तो ऐसा कोई नहीं लिखता है; किन्तु ग्लूकोज और चमचागीरी का असर तुरंत दिखता है. Tweet Pin It Related Posts जमाने की सूरत प्रथम रश्मि वक्त की पुकार About The Author budhpal मैं ३९ वर्षों की नौकरी में हर जगह चमचों से पीड़ित व्यथित व्यक्ति रहा हूँ. Leave a Reply Cancel reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.