तेरी महिमा है अपार वो डमरू वाला
तेरी महिमा है अपार वो डमरू वाला………
तू ही है देवों का देव महादेव मेरा शम्भू -भोला …………
कोई पुकारे भोला कोई पुकारे शंकर तो कोई बुलाये भोलेनाथ |
काशी,उज्जैन ,वैधनाथ नगरी से लेकर धाम है तेरा अमरनाथ |
सावन में सब जाकर जल चढ़ाते है कांवरियां बनकर |
कष्ट-परेशानियां दूर है हो जाती तेरा एक दर्शन पाकर ||
तेरी महिमा है अपार वो डमरू वाला………
तू ही है देवों का देव महादेव मेरा शम्भू -भोला . …………
अर्ध-चन्द्र मस्तक पर तेरे और जटा से निकले गंगा की धार |
मृग-छाल है वस्त्र तेरा बेलपत्र, भांग ,धतूरा तेरा आहार |
सौभाग्य है देता अपने भक्तों को, बुलाता है तू अपने धाम |
रोगी को निरोगी बनाता और बनाता है तू उनके बिगड़े काम |
तेरी महिमा है अपार वो डमरू वाला………
तू ही है देवों का देव महादेव मेरा शम्भू -भोला ……….
मंथन में देवों को अमृत देकर खुद लिया विष का निवाला |
हे शिव शंकर सच कहते है तू है बड़ा दिल वाला |
तू सत्य की पहचान है हमारे जीवन का आधार है|
तभी तो तेरे दर पर हमेशा लम्बी लगती भक्तों की कतार है |
तेरी महिमा है अपार वो डमरू वाला………
तू ही है देवों का देव महादेव मेरा शम्भू -भोला……….
तू ही है हमारा दाता तू ही है हमसबका नाथ |
हम सबके सिर पर हमेशा रखे रहना अपना करुणा का हाथ|
सदा सत्य का मार्ग दिखाना हमें इस जीवन में |
अपनी भक्ति बढ़ाते रहना हमारे इस छोटे मन के मंदिर में |
तेरी महिमा है अपार वो डमरू वाला………
तू ही है देवों का देव महादेव मेरा शम्भू -भोला…………
(अंकिता आशू)
जय भोले बाबा।।
आपकी कवितायेँ भक्ति
भाव को अच्छे से
प्रदर्शित करती हैं।