Homeकेदारनाथ अग्रवालओस की बूंद कहती है ओस की बूंद कहती है प्रेम प्रकाश केदारनाथ अग्रवाल 24/01/2012 No Comments ओस-बूंद कहती है; लिख दूं नव-गुलाब पर मन की बात। कवि कहता है : मैं भी लिख दूं प्रिय शब्दों में मन की बात॥ ओस-बूंद लिख सकी नहीं कुछ नव-गुलाब हो गया मलीन। पर कवि ने लिख दिया ओस से नव-गुलाब पर काव्य नवीन॥ Tweet Pin It Related Posts जिन्दगी बसंती हवा बच्चे के जन्म पर About The Author प्रेम प्रकाश Leave a Reply Cancel reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.