Homeअज्ञात कविचमचागीरी -20 चमचागीरी -20 budhpal अज्ञात कवि 19/04/2015 1 Comment वह बॉस के हर गलत काम को तैयार होते हैं; जो बॉस के चमचों के लंग़ोटिआ यार होते हैं. Tweet Pin It Related Posts सवैया छ्न्द लोग कहते है… मै हुँ हिंदी – अनु महेश्वरी About The Author budhpal मैं ३९ वर्षों की नौकरी में हर जगह चमचों से पीड़ित व्यथित व्यक्ति रहा हूँ. One Response dknivatiya 20/04/2015 अति सुन्दर अभिव्यक्ति है चमचो के प्रति !! बहुत सुंदर !! Reply Leave a Reply Cancel reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.
अति सुन्दर अभिव्यक्ति है चमचो के प्रति !! बहुत सुंदर !!