तीस की उम्र की दहलीज पर खुले मन से अपने बचपन के बारे में सोच रहा था |
बचपन का एक एक पल सुनहरा होता है
बचपन अपने आप में अनमोल होता है |
बचपन दो तरह का होता है : सुविधापूर्ण बचपन और अभावग्रस्त बचपन |
सुविधापूर्ण बचपन जाडो की रातो में बंद कमरे में कम्बल ढक कर सोता है |
वही दूसरी ओर अभावग्रस्त बचपन खुले आकाश के नीचे सोता है |
अभावग्रस्त बचपन गरीवी और मुफलिसी में भी जीता है
बचपन का एक एक पल सुनहरा होता है
बचपन अपने आप में अनमोल होता है |
सर मेरा बचपन अभी गया नहीं है
मुझे यह पढ़कर बहुत अच्छा लगा
तारीफ के लिए शुक्रिया ,बचपन हर बच्चे , इंसान और हर आयु वर्ग के लिए अहमियत रखता है|