Homeरचना शर्माघर घर Rachana sharma रचना शर्मा 13/04/2015 No Comments इस घर में झांककर देखो जरा यहाँ बारिश आती है भिगोने खुद को धूप सेंकती है अपना बदन नींद हर रोज़ करती है जागरण और भूख ठहर गयी है तृप्त भाव से हमेशा के लिए आखिर इस घर में और कोई नहीं रहता है एक मजदूर अपने परिवार के साथ रचना शर्मा Tweet Pin It Related Posts मेरा घर अकालग्रस्त गुजरे लम्हे About The Author rachana राजस्थान यूनिवर्सिटी से एम ए ,बी एड और एल एल बी,वर्तमान में एक एन जी ओ में कार्यरत | बच्चों एवं महिलाओं के साथ काम करना बेहद पसंद | Leave a Reply Cancel reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.