Homeचित्रा सिंहअपने ख़्वाबों को सजाकर अपने ख़्वाबों को सजाकर शिवम चित्रा सिंह 22/02/2012 No Comments अपने ख़्वाबों को सजाकर दुनिया की हाट में जिस दिन सीख जाऊँगी बोली लगवाना उसी दिन से मिल जाए शायद मुझे निजात पर तब कहाँ बचेगा मेरा घर ? मैं भी कहाँ बच पाऊँगी शायद…। Tweet Pin It Related Posts प्यार की सीमा रेखा टूटे हुए सपने से तुम्हारा आना About The Author शिवम Leave a Reply Cancel reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.