Homeअरुणा रायसचमुच की यातना सचमुच की यातना शिवम अरुणा राय 22/02/2012 No Comments झूठी राहत ढूंढ रहा था मैं पर तूने दे डाली सचमुच की यातना .. . खुशियों से जो ढंक रहे थे मुझे क्या कम था क्या फितूर था कि जिससे शीतलता पाई चाह रही थी कि वही जलाए मुझे … Tweet Pin It Related Posts कहाँ हो तुम कहीं यही तो नहीं है प्यार कि अभाव से उसके About The Author शिवम Leave a Reply Cancel reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.