काजू-किशमिश
काजू जैसे कान हैं
किशमिश जैसी नाक
अखरोट-सी खोपड़ी
चिलगोजी-सी आँख
खुले ओंठ अँजीर हैं
पिस्ता पिस्ता दाँत
ठुड्डी है बादाम-सी
खजूर रंग के गाल
मिले अगर ये थोबड़ा
मिल बाँट के खायें
बचे खुचे को फेंक के
अपने घर को जायें।
—– भूपेन्द्र कुमार दवे]
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