Homeअरुणा रायमौन का हाथ मौन का हाथ शिवम अरुणा राय 22/02/2012 No Comments पुकारने पर प्रति-उत्तर ना मिले तो बाहर नहीं भटकूंगी अब बल्कि लौटूंगी भीतर ही हृदयांधकार में बैठा जहाँ जल रह होगा तू वहीं तेरी मद्धिम आँच में बैठ गहूंगी तेरे मौन का हाथ। Tweet Pin It Related Posts हर मुलाकात के बाद अब कोई उसे कहाँ ढूंढे कि अपनी हज़ार सूरतें निहार सकूँ About The Author शिवम Leave a Reply Cancel reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.