Homeअश्विनी भँवरायतआनन आनन Anshwini अश्विनी भँवरायत 22/01/2015 No Comments —- आनन—— आहत सा मन मेरा नय़नों से ताक रहा । उम्मीदो की किरणों सा दिल मेरा झॉंक रहा ।। तरंगित सा मनांचल सुषुप्तमय अभिलाषा । शुष्कता लबों पर किलोल करती पिपासा ।। झलक रहा आनन स्मृति कायल सी । लहराती अलकों में झिलमिल नजरें घायल सी ।। (अश्विनी…) Tweet Pin It Related Posts शापित नारी ननका जागेश्वरम् About The Author Anshwini नाम - अश्विनी भँवरायत ग्राम - बर्डोद ,जिला – अलवर (राजस्थान ) कविता लेखन - पिछले ४ वर्षों से शैक्षिणक योग्यता – B.sc & B.ed (राजस्थान यूनिवर्सिटी) M.sc (दिल्ली यूनिवर्सिटी) Leave a Reply Cancel reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.