Homeअरुणा रायमेरी रोशनी मेरी रोशनी शिवम अरुणा राय 22/02/2012 1 Comment कुछ प्रकाशवर्षों तक पहुँचती रहेगी मेरी रोशनी तुम तक तब भी जब नहीं रहेगा मेरा अस्तित्व उस रोशनी को ढूँढते जब पहुँचोगे मंजिल तक मैं बदल चुकी होऊँगी एक ब्लैकहोल में फिर तुम ना पहुँच सकोगे मुझ तक न वापिस जा सकोगे कहीं भी इस असीम ब्रह्मांड में …. Tweet Pin It Related Posts चुप हो तुम प्यार में पसरता बाजार पुकारने पर About The Author शिवम One Response संजय भास्कर 25/09/2013 बहुत सुंदर और उत्तम भाव लिए हुए…. खूबसूरत रचना…… संजय कुमार हरियाणा http://sanjaybhaskar.blogspot.com Reply Leave a Reply Cancel reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.
बहुत सुंदर और उत्तम भाव लिए हुए…. खूबसूरत रचना……
संजय कुमार
हरियाणा
http://sanjaybhaskar.blogspot.com