Homeनीरज सारंगपृथ्वी इतना दुःखी क्यूँ है पृथ्वी इतना दुःखी क्यूँ है Neeraj Sarang नीरज सारंग 18/01/2015 No Comments ” यदि सिंधु-जल धरती के अश्रु हैं और उसके हृदय में ज्वालामुखी तो मैं नहीं जनता हूँ पृथ्वी इतना दुःखी क्यूँ है ” – नीरज सारंग Tweet Pin It Related Posts जब तक प्रेम जीवित है प्रेम और वसना मृत्यु का यह कैसा असर? About The Author sonu जन्म तिथि - 14 जुलाई 1994' जन्मस्थान - गाज़ीपुर (उत्तर - प्रदेश) email - [email protected] Leave a Reply Cancel reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.