Homeअरुणा रायजो मिरा इक महबूब है जो मिरा इक महबूब है शिवम अरुणा राय 22/02/2012 No Comments जो मिरा इक महबूब है । मत पूछिए वो क्या खूब है / आँखें उसकी काली हँसी, दो डग चले बस डूब है / पकड उसकी सख्त है । पर छूना उसका दूब है / हैं पाँव उसके चँचल बहुत, रूकें तो पाहन बाख़ूब हैं जो मिरा इक महबूब है मत पूछिए वो क्या खूब है … Tweet Pin It Related Posts उदासी पुकारने पर प्रेमी About The Author शिवम Leave a Reply Cancel reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.