“गणित की समस्या”
हांलाकि और चूंकि से निकल गयी थी बात |
स्टेटिक्स समझ में नहीं आई, डायनामिक्स ने मारी लात ||
कैलकुलस, अलजेब्रा मेरी जान के दुश्मन |
मास्टर साहब थे पराये , नंबर-१ के दुश्मन ||
त्रिकोणमिती अच्छी थी , पर कोआर्डिनेट ने पकड़ा |
बोर्ड परीक्षा में छ-ओ ने गाला मेरा जकड़ा ||
हाय-हाय चिल्लाते-चिल्लाते , दम जो मेरा निकला |
सीधा स्वर्ग के गेट पे , यमदेव ने मुझको रोका ||
बोले बेटा- ” बैक डोर से आओ,
नरक में लात, थप्पड़ , घूंसे मुफ्त पाओ ” ||
मैंने कहा “अंकल, मेरा कसूर क्या है” |
वो बोले ” तुम्हे इंटर (१२ क्लास) में गणित में फेल होने की सजा पता है?
मेरे यहाँ इंटर पास स्वर्ग ओर इंटर फेल नरक जाते है ” ||
मैंने कहा- अंकल जी क्या हमारे मंत्रीजी भी नरक जायेंगे?
वो बोले –
” नहीं बेटा वो स्पेशल गेस्ट है, फेलियर्स की श्रेणी में दी-बेस्ट है |
उनके और उन जैसे लोंगो के लिए स्पेशल प्रबंध कराया है,
इसलिए नरक के सामने डुप्लीकेट स्वर्ग बनवाया है” ||
—- कवि कौशिक (दिसंबर-२००२)