Homeअनवर सुहैलक्या हरदम ऐसे ही चलेगा…. क्या हरदम ऐसे ही चलेगा…. anwar suhail अनवर सुहैल 12/01/2015 1 Comment क्या हरदम ऐसे ही चलेगा हम ही देखें हम ही करें जुगत हम ही भोगें हम ही दूर करें दुनिया के दुःख-दर्द… क्या हरदम ऐसे ही चलेगा कब तक हमें ही बने रहना होगा हमदर्द जबकि इस चक्कर में कर नही पाए खुद अपने ज़ख्मों का इलाज और हुए लाइलाज क्या हरदम ऐसे ही चलेगा…. Tweet Pin It Related Posts शकीला की छठवीं बेटी खदान का अंधेरा और उम्मीद की किरणें… माल्थस का भूत About The Author anwarsuhail hindi poet hindi kahanikar / upanyaskar sampadak : sanket Sr manager in Coal India Limited One Response dasssc 12/01/2015 छोटी मगर बहुत अ्च्छी रचना है. Reply Leave a Reply Cancel reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.
छोटी मगर बहुत अ्च्छी रचना है.