तनहा जिया जायेगा,तनहा मरा जायेगा
अब दोबारा किसी से,दिल न लगाएगा।
उम्रभर दर्द गम हँसके पीया जायेगा
अब न किसी से कुछ कहा जायेगा।
न नफरत की आग में जला जायेगा
न इश्क की धुन में बहा जायेगा।
खो गई चाहत तो क्या हुआ ?
अब न चाहत ढूंढा जायेगा,तनहा जिया जायेगा…..।
अब मेरा खुदा ही सहारा है
किसी के आगे हाथ फेरा न जायेगा।
चाहत की झुठी शहर में न रहा जायेगा
उसकी नाम की माला न जपा जायेगा।
दिल की बगिया अब न मुरझायेगा
सदा चेहरा अब खिला रहेगा।
@@ दुष्यंत पटेल @@