माँ तू ममता की सागर है ….
तुम्ही से दुनिया वजूद यहाँ।
माँ तू ईश्वर की रूप है,
माँ तुम्ही से है मेरा जहाँ।
माँ तू ही मेरा सबकुछ,
न तुमसे प्यारी कोई अनुपम रूप।
मै बनके रहु सदा तेरे बेटा,
मुझमे खिली रहे ममता की धुप।
तुझे यशोदा पुकारू या और कुछ,
माँ तू ही मेरा सबकुछ।
हँसते-हँसाते मुझे बड़ा किया,
माँ तू ने झेली है कितनी दुःख।
सारे दुःख दूर हो जाता है,
माँ इतनी प्यारी है तेरे सुरत।
माँ तू जब दूर होती है,
तुमसे मिलने का होता है हसरत।
माँ तूने दी है अच्छे संस्कार,
और जलाई है ज्ञान दीप प्रकाश।
माँ तू ही मेरा सबकुछ,
माँ तुझ में हैं मेरा वास।
@@ दुष्यंत पटेल @@
राम मगन मन होत जाको असि मति माँ पर होती |
सचराचर रूप स्वामी काल कर्म सुभाव गुन ईस देता ||