सारी दुनिया झूमे एक दिन
सब के कदम थिरके एक ताल से
सब मिलके बोले एक ही भाषा
कहे आया नया साल है
देश-धर्म, जात-पात
किनारे रख के
सब दे बधाई सब को
कहे आया नया साल है
संकल्प बुराई को मिटने
विश्व शांति की तरफ
पहला कदम बढाने को आया अवसर इसवर है
नया वर्ष नए रंगों से भरा हो
सब मिलकर नया साल मनाए
रिकी बहन अापके विचार बहुत अच्छे है । अपनी कविता भी मुझे बहुत अच्छी लगी । अाप मुझ से बात करती ताे कम से कम एक ही धर्म वालेका सम्बन्ध बनता । अन्यथा अर्थ मत लगाइएगा ।
Thanks sir ji,for you appriciation,wish you Happy new year