जिन्दगी को आजमाओ तो मजा आ जायेगा
जो किसी का घर सजाओ तो मजा आ जायेगा.
अपने गम पर रात दिन रोना बहुत बेकार है
दर्द दुनिया का उठाओ तो मजा आ जायेगा.
रास्ते पर तीरगी से ठोकरें खाते हैं लोग
एक दिया कोई जलाओ तो मजा आ जायेगा.
सिर्फ अपनी आदतों के आदमी सब हैं गुलाम
दूसरों को तुम बचाओ तो मजा आ जायेगा .
जुर्म इतने हो रहें हैं बेबसों के साथ में
न्याय गर इनको दिलाओ तो मजा आ जायेगा.
दास अपनी दुनिया मे है हर कोई खोया हुआ
स्वार्थ को तुम भूल जाओ तो मजा आ जायेगा.
शिवचरण दास