नीरज यानि ‘कमल’ और कमल कीचड में ही खिलता हैं ! ‘कीचड’ से याद आया कीचड हमारे घर के सामने वाले रास्ते पर बहुत रह्ता है और ‘रास्ता’ तो कोई झाडता नहीं झाडने से याद आया ‘झाडू’ …. और झाडू से याद आये श्री श्री झाडचंद महाराज ‘केजरीवाल’
और हां … ‘वाल’ से याद आया आजकल मेरे ‘बाल’ बहुत झडने लगे हैं वो हुआ ऐसा कि भइ, पूरा भारत स्वच्छ भारत अभियान मे लगा हुआ है तो मैंने भी सोंचा कि हमें भी अपने आप को साफ करना चाहिये क्योंकि हम भी 15 दिन से नहीं नहाये थे , सो हमने एक ब्रांडेड कंपनी का ‘’प्लस माइनस’’ शैम्पू लगाया ,और होना क्या था भई कंपनीवालों की बात सच निकली.. शैम्पू लगाते ही बाल पानी के साथ साथ ही बह गये ! ‘बह्ने’ से याद आया पिछ्ले ‘नीलोफर तूफान’ में हमारी ‘अनामिका’ बह गयी. क्या कहा अनामिका…अनामिका..हमारी ‘भैंसिया’ है ! अब भई, तूफान का नाम नीलोफर हो सकता है ,कुत्तेका नाम ‘ऐंटरटेन्मेंट’ हो सकता है ,तो हमारी भैंसिया का नाम अनामिका नहीं हो सकता..हम कौन अक्षय कुमार से कम हैं ! अक्षय कुमार की एक बात समझ नही आई ..कभी कहता है ‘’इश्क कुत्ता है’’ ..कभी कहता है ‘’कुत्ता ऐंटरटेन्मेंट है’’ भई, एक बार डिसाइड कर लो कुत्ता इश्क है या ‘ऐंटरटेन्मेंट’! कुत्ते से याद आया पडौसी जो बार-बार अपनी हद भूल जाता है,और हद हमारे जीजाजी बहुत करते हैं ह्द करने में वे इमरान हाश्मी को भी मात देते हैं खैर, ये अंदर की बात है! जीजाजी से याद आया कल हम जीजजी का ए.टी.एम. चुरा लाए, कोड नंबर ह्मे पह्ले से ही पता है !चोरी से याद आया रात को हमारे मित्र के घर चोर घुस गये …मित्र टोयलेट के लिये उठे थे ..देखा टोयलेट ही टूटा पडा है, बेचारे को तेज़ लगी थी वैसे तो वे चोरों को छोड देते लेकिन टोयलेट तोडा था सो वे भी उन्हे तोडते रहे ..और इतना तोडा कि जेल जाने से पहले चोरों को टोयलेट बनवाने का ठेकादेना पडा! ठेके से याद आया आज देशीठर्रा पीना है विदेशी अपुन के पचता नहीं, और पीने से याद आया आजकल नलों में पानी खूब आ रहा है,लेकिन आंखों का पानी कम पडता जा रहा है … खैर, पानी पीना जुर्म नहीं हैं किसी को पानी पिला देना या पानी फेर देना जुर्म है..जुर्म एक कीचड है … और कीचड में कमल है… कमल भाजपा है …भाजपा मोदी है, मोदी केंद्र है ,केंद्र में नौकरी पर सालभर का वैन है, राज्य वसुंधरा है और नौकरी के कोइ चांस नहीं है..इसलिए पढे लिखे युवा बेरोजगारी कीचड है.. कीचड रास्ते में है …रास्ता कोई झाडता नहीं …झाडू केजरीबाल की है …बाल हमारे सिर पर नहीं है..बह गये..हमारी भैंसिया अनामिका बह गई..हाय राम…नीलोफरतूफान है …कुत्ता अक्षय है..मेरा मतलब अक्षय कुमार का इश्क है…कुत्ते से याद आया पडौसी..वो मांगे कश्मीर …उसे मिलेगा बाबाजी का ठुल्लू…बगैरा…बगैरा..
बस भइ बस और कितना पढोगे ..भइ अब तक पके नही आप …जहां से शुरू किया था वहीं वापस आ गए …यही तो है शब्दों की भूल भुलैया..अब ये मत पूंछ्ना कि इसे क्या कहते है कयुंकि इसे कह्ते हैं हिपहोपहिपहोप …और ये मेरा अगले आर्टीकल का टाइटल है… अगैरा…बगैरा..जो इसे पढ्कर नहीं हंसा उसके घर में आज रात घुसेगा बघैरा..ह..हा
hi
how do we give name to our creation like u do vinay bharat
my stuff got “agyat ” what is the procedure to change it to my desired name ? any clue
thanks
आप हिंदी मे अपनी बात स्पष्ट रूप से कहें