सेदोका (कौन देखता)
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काम है बडें
कौन देखे रात में
कांपी जिश्म ठंडी सें
सूरज आ तू
काम न कष्ट देते
सब ने जब देखे |१|
घना कोहरा
सुबह हो या शाम
खोज रहा ठेकान
गर्मी ले आ तू
जानें तड़प उस्के
सूरज कहाँ खोए |२|
कौन देखता
सोने ना देते रात
दिन से बड़े बात
बेपरवाह
याद किया आपने ?
देख लिया उसने ?|३|
मासूम बच्चें
दम तोड़े स्कूल में
आँख लगे दुष्ट के
दर्द का रिश्ता
कैसे भरें नासूर
कैसे करें माफ तू ? |४|
नाम :राम शरण महर्जन
जन्मतिथि :३० दिसम्वर १९६६
निवास: कीर्तिपुर-१७, काठमांडू,
शिक्षा :एम.ए.(भूगोल)