कल क्या पता शायाद मुलाकात हो या ना हो
मगर तु रहेगी हमेशा दिल मे याद बन कर
क्या पता शायद अब के सावन मे बरसात हो ना हो
मगर तु बरसेगी आन्खो से पानी कि बुन्द बन कर
प्यार यहा है वहा क्या पता शायद हो ना हो
मगर मै तो रहुन्गा तेरे होटो पर मुस्कान बन कर
क्या पता कल इस सुरज मे रे तपिश हो न हो
मगर तु मेरे दिल मे रहना चाहत कि आग बन कर
क्या पता शायद कल समुद्र मे पानी हो ना हो
मगर तु हमेशा मेरी रहना प्यास बन कर
क्या पता शायद कल जमीन हो ना हो
मगर तु हमेशा मेरी रहना आसमान बन कर
क्या पता शायद कल मेरा वजुद हो ना हो
मगर तु मेरी सासो मे रहना मेरा प्यार बन कर….