अभिलाषा (भाग एक )
@–युवती की अभिलाषा—@
हे प्रभु मुझे ऐसा वर दे !
हाव भाव से मनमोहन हो
स्वभाव से शांत,सदा मौन रहे
मन माफिक हर काम कर दे
हे प्रभु मुझे ऐसा वर दे !!
कमाई से टाटा, अंबानी हो
पास हो जिसके काफी पैसा
राँझा-मजनूँ बन कर प्यार करे
इशारे पर नाचे प्रभु देवा जैसा
देवो में वो कामदेव लगे
हे प्रभु मुझे ऐसा वर दे !
अमिताभ जैसा हीरो हो
जो बुढ़ापे में भी जवाँ लगे
रजनीकांत की स्टाइल मारे
खली जैस ताकत रख कर
जो सबकी छुट्टी कर दे
हे प्रभु मुझे ऐसा वर दे !!
मोदी जैसी मीठी बाते करे
और ओबामा सा फेमस हो
राजीव कपूर सा खाना बना सके
घर के जो सारे काम कर दे
हे प्रभु मुझे ऐसा वर दे !!
@———-डी. के. निवातियाँ !!
yah vastav me sambhav hai par bhag-2 nahi1
उत्साहवर्धन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद !!
हा हा हा….क्या वर माँगा की प्रभु भी परेशान हो जाए की कहाँ पंगा ले लिया…..लाजवाब जितनी रचना है….प्रतिकिय्रा से पता चलता हँसने वाले भी लाजवाब रूप से कम हैं…….
बहुत ख़ूब सर । हा हा हा हा हा हा हा काश!ऐसा हर युवती के साथ हो जाये ।