खुदा ने बख्शी हैं हमको जिन्दगी ऐसी,
कि हम जिधर भी चले आफते हजार चले।
तमाम रात इसी बात का ख्याल रखा,
कि जब भी जाम चले साथ मे खुमार चले।
हमारे साथ कुछ किस्सा ये अजीब सा था,
दम चले न चले ,नब्ज बार बार चले।
चले भी आओ के गुलशन का कारोबार चले
ये दुनिया के कई उसूल मेरे काम के नहीं,
हमने कब ये चाहा था साथ कुछ करार चले।