Homeराम केश मिश्र।।और कल ही।। ।।और कल ही।। रकमिश सुल्तानपुरी राम केश मिश्र 05/12/2014 No Comments ।।और कल ही।। और कल ही तुमने रख दिया नाजुक हाथ दुखते दिल पर छण भर ।। छणभर के लिये ही सही तेरा प्यार मिला तो सही निखर कर ।। दिल एक टुकड़ा तुम एक कण एक याद बन गये उमर भर ।। Tweet Pin It Related Posts ।।ग़ज़ल।।यहा सब गम के मारे है।। ।।गजल।।इंसान बनाना है ।। ।।ग़ज़ल।।परिन्दे तक भी रोये है ।। About The Author "रक" रकमिश सुल्तानपुरी भदैयां , जिला-सुल्तानपुर , उत्तर प्रदेश , [email protected] कॉन्टेक्ट~ , 9125562266 , रूचि- हिंदी साहित्य , कविता,ग़ज़ल, हाइकू, नयी कविता गजल गीत आदि ।।, Leave a Reply Cancel reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.