मतलबी दुनियां
***********
दिल की बात कौन सुनता ?
धोखाधड़ी की है ये ज़माना |१|
कौन अपना कौन पराया
फूँक-फूँक के अब चलना |२|
तरकीब करें तो जलता यहाँ
भीख मंगे हो तो सकून यहाँ|३|
घर से बेघर होता अपनो से
फिक्र तो सिर्फ अपने आप से |४|
जैसा सोचता आदमी बनाता वैसे ही
जैसा भरता आदमी पाता वो वैसे ही| ५|
राम शरण महर्जन
कीर्तिपुर, काठमांडू |