तुम ही न मिलोगे तो क्या मिलेगा
मिलने को टी सारा ज़माना मिलेगा।
ये उम्मीदें मुद्दतों पुरानीहो गई हैं
न जाने तू कब और कैसा मिलेगा।
ऐ इश्क़ की गहराई हमें जवाब दे
इतना गिरा हु इंसान कहाँ मिलेगा।
किस मोड़ से किस मोड़ ताक आ गए
इसके आगे बस धुआं मिलेगा।
दिल मांगने से कुछ नहीं मिलता यहाँ
हाथ मांगो तो सारा ज़माना मिलेगा।
तुम ही न मिलेगो तो क्या मिलेगा।।