Homeअरुण कमलप्रधान की अभिलाषा प्रधान की अभिलाषा शिवम अरुण कमल 22/02/2012 No Comments अपने प्रधान इतने जनतंत्री थे कि जब भी फ़ोटो लिया जाता वह अपना एक पैर आगे कर देते, क्योंकि चेहरे के मुकाबले पैरों की निरन्तर उपेक्षा रही है फ़ोटो की दुनिया में, कहते– मेरी अभिलाषा है कि प्रजा मुझे चेहरे से नहीं चरणों से जाने। Tweet Pin It Related Posts देवभाषा उम्मीद फिर भी About The Author शिवम Leave a Reply Cancel reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.