जब भी तेरा ख्याल आता है
एक नया इन्कलाब लाता है.
तेरे दीदार की तमन्ना मे
दिल नया गीत गुनगुनाता है.
अब मेरे पास है यही दौलत
सिर्फ यादों का एक लिफाफा है.
हम उसे रात दिन हसांते हैं
वो हमे रात दिन रुलाता है.
है यही जिन्दगी की सच्चाई
दर्द खुसियां भी साथ लाता है.
आज मेहबुब है मेरा हमदम
मेरा कातिल ही मेरा आका है.
वो मेरा दोस्त कोई रकीब नहीं
मेरे अश्कों पे मुस्कराता है.
शिवचरण दास
आज मेहबुब है मेरा हमदम
मेरा कातिल ही मेरा आका है.
बहुत सुन्दर
बहुत बहुत धन्य्वाद शुक्रिया
शिवचरण