एक अहसास होने लगा है मुझे
कि अब वो मुझे भूलने लगी है,
लगता है कि मेरी साँसे टूट रही है
जीते जी ना भूलने का वादा जो था.
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®नीलकमल वैष्णव”अनिश”
मेरे बारें में आप मुझसे ज्यादा समझ सकते हैं,,, बशर्ते आपको अपनी पारखी नजरों से मुझे पढ़ना होगा,,, क्योंकि मेरी जिंदगी एक खुली किताब सी है कुछ भी नहीं छिपा है किसी से....