Homeराम केश मिश्र।।एक दिन।। ।।एक दिन।। रकमिश सुल्तानपुरी राम केश मिश्र 20/11/2014 No Comments ।। एक दिन।। एक दिन तुम और हम चुप थे तभी तुम चले गये ।। 1 मैं तो रुका था दो पल नाउम्मीद तारे भी चले गये ।। 2 बस मे तब थे आंसू अपने बाद जा ने से चले गये ।।3।। Tweet Pin It Related Posts ।।गजल।।इंसान बनाना है ।। सोरठा । सज्जन और दुर्जन के प्रति । तेवरी।चारो तरफ़ बवाल है । About The Author "रक" रकमिश सुल्तानपुरी भदैयां , जिला-सुल्तानपुर , उत्तर प्रदेश , [email protected] कॉन्टेक्ट~ , 9125562266 , रूचि- हिंदी साहित्य , कविता,ग़ज़ल, हाइकू, नयी कविता गजल गीत आदि ।।,