मानवता को आधार बना कर
नयन में स्वपनों को सजा कर
करते हम गुणगान ये
विश्व गुरु हिंदुस्तान है ये
नयन सेज पर हो क्षितिज हमेशा
पटेल , भगत का हिंदुस्तान है ये
है अटल सा सपनो का पटल
प्रयोग करता कलाम है ये
नहो केसरिया झूठा , किस्से कुछ खास है ये
है निर्भीक बिस्मिल , तो जयचंदो का भी इतिहास है ये
छोटी हिमालय की हो ऊँची
न हो , गंगा की कसमे झूठी
बिमिल्ला की शेहनाई है ये
धुन की मीठी पुरवाई है ये
कंधे न झुके किसी श्रवण के एक संस्कार है ये
हैदर , टीपू , मालिक ,जायसी का हिंदुस्तान है ये