मै एक दिया था बुझा दिया गया हूं ।
उनकी खैरात था लुटा दिया गया हूं।।
हौसला रखता था ए दिल मुहब्बत का।
पर एक मुकाम सा मिटा दिया गया हूं ।।
अब वही लिखता हू तन्हा के आंशुओ से
आपके गम से जो सिखा दिया गया हूं ।।
तब तो मेरे नाम की तारीफ होतीं थी ।
अब बदनाम इशारों से दिखा दिया गया हूं
दर व दर की ठोकरो से आज शाहिलो पर
बेकार आंसुओं सा गिरा दिया गया हूं ।।
अब चर्चाओं मे मेरा जिक्र नही होता है ।
पुरानी यादो सा मै भुला दिया गया हूं ।।
हशीनाऔ की इक लम्बी दास्तां था मै ।
पर मुहम्बत के खत सा जला दिया गया हूं
मिलता था बेकरारियो मे भरोसा और हौशला ।।
रूस्वाइयो में शराबेगम पिला दिया गया हूं ।।
सकून आ गया जब दर्द बढ़ गया हद से ।
गम के मंजर में डुबो दिया गया हूं ।।
मेरी जिन्दगी इक मुहब्ब्त की मिसाल थी
अब बदनाम और बुझदिल बता दिया गया हूं ।।