कल का भारत भाग्य-विधाता
छप-छप करता पानी में
नन्हा गोलू स्कूल है जाता,
एक हाथ से बस्ता थामे
और दूसरे हाथ से छाता।
छोटे-छोटे कदम हैं उसके
छोटे हैं जूते,
सफेद छोटी कमीज है उसकी
ब्लू पैंट भी हैं छोटे।
छोटे-छोटे टुकडों में
विद्या-ज्ञान वह पाता,
ऐसे स्कूल आता और जाता
कल का भारत भाग्य-विधाता।
संतोष कुमार “मुरारी”
राष्ट्रीय पुस्तकालय, कोलकाता।