. हम वीरों का सम्मान करें
इस धरती के वीरों का हम
आवो सब मिल सम्मान करें।
जिनने दी कुरवानी अपनी
उनका दिल से हम मान करें।
हम वीरों का सम्मान करें।
अर्पित प्राण-सुमन कर जिनने
गूँथी है वीरों की माला
महक रहा है उन फूलों से
हर बालक का दिल मतवाला
इन फूलों को याद करें हम
शीश नवायें, सम्मान करें।
जिनने दी कुरवानी अपनी
उनका दिल से हम मान करें।
हम वीरों का सम्मान करें।
जिनने खुद जख्मी होकर भी
ऊँचा माँ का भाल किया है
जिनने गोली खाकर सीने पर
दुश्मन को बेहाल किया है
शक्ति मिली है जिससे उनको
उस देवी का आव्हान करें।
जिनने दी कुरवानी अपनी
उनका दिल से हम मान करें।
हम वीरों का सम्मान करें।
खून पसीना, गंगा जमुना
पावन जल-सा बना हुआ है
और हिमालय से भी ऊँचा
गौरव इनके नाम हुआ है
इनके फौलादी सीनों पर
हम नाज करें, अभिमान करें।
जिनने दी कुरवानी अपनी
उनका दिल से हम मान करें
हम वीरों का सम्मान करें।
जिनके लाल शहीद हुए हैं
उसको अपना शीश नवायें
जिन बहनों ने भाई खोया
उनकी इज्जत और बढ़ावें
जिनके माथे का सिन्दूर मिटा
उनके त्याग का सम्मान करें।
जिनने दी कुरवानी अपनी
उनका दिल से हम मान करें।
हम वीरों का सम्मान करें
भारत के आँगन में अनुपम
अमर निशानी अब इनकी है
इनके सानी कहीं नहीं हैं
अमर कहानी अब इनकी है
भारत के इन बच्चों का हम
सम्मान करें, गुनगान करें।
जिनने दी कुरवानी अपनी
उनका दिल से हम मान करें।
हम वीरों का सम्मान करें।
00000
aapki kavita me vo dam hai ki khun me ubal sa lagane lagta hai .
Many thanks for encouraging comment.