धुंधली पडती यादों के झूले में, मुझको आज झुला दे मां,
मुझको मेरा बचपन फिर इक बार दिला दे मां.
वो चूल्हे की सौंधी रोटी, फिर इक बार खिला दे मां,
मुझको मेरा बचपन फिर इक बार दिला दे मां.
वो किस्सों में परियों को, फिर इक बार बुला दे मां,
मुझको मेरा बचपन फिर इक बार दिला दे मां.
लोरी की चाशनी में डूबे वो बोल,फिर इक बार पिला दे मां,
मुझको मेरा बचपन फिर इक बार दिला दे मां.
इस बेचैन रुह को थपकी दे के, फिर इक बार सुला दे मां,
मुझको मेरा बचपन फिर इक बार दिला दे मां.
यादों के फलों से लदा वो पेड़, फिर इक बार हिला दे मां,
मुझको मेरा बचपन फिर इक बार दिला दे मां.
जीवन में पीछे छूटी शैतानियों को, फिर से आज मिला दे मां,
मुझको मेरा बचपन फिर इक बार दिला दे मां.
घायल रुह की इस चादर को,फिर इक बार सिला दे मां,
मुझको मेरा बचपन फिर इक बार दिला दे मां.
थक चले इस आहत जिस्म को ,अपनी उंगली से जिला दे मां,
मुझको मेरा बचपन फिर इक बार दिला दे मां.