कैसो मन कठुआय संग नाहीं सजना।
उघारो पल्लू निहारो आपन अंगना॥
तनवां घुलत होय मनवां आशंकावान।
कामिनी कलह कैसो दिखे तोरे अंगना॥
कैसो मन कठुआय संग नाहीं सजना।
उघारो पल्लू निहारो आपन अंगना॥
गोल लोल गात अलोप दीठिदिखे!अंजना।
उघारो पल्लू निहारो आपन अंगना॥
सजीवता सजीव सुख मूक दिखे कंगना।
टीपटाप! टापू जीवन बिहीन कैसा लोचना।
उघारो पल्लू निहारो आपन अंगना॥
कैसो मन कठुआय संग नाहीं सजना॥
टीपटाप! टापू जीवन बिहीन कैसा लोचना।
उघारो पल्लू निहारो आपन अंगना॥
हार्दिक अभिनन्दन है आपका