।।गज़ल(एक तन्हा) ।।
हम तो कहते हैं हालात एक तन्हा है ।।
इत्तफाको से मुलाकात एक तन्हा हैं ।। 1।।
वक्त पर आये तो हैं वक्त की कीमत ।।
वेवक्त वक्त की तादात एक तन्हा है ।। 2।।
जब विछडना ही है मुकद्दर मे मेरे लिखा ।।
फिर तो जुदाई की हर बात एक तन्हा है ।। 3।।
शिकायत क्यो कर तकदीर से अपने ।।
इसकी तो हर वारदात एक तन्हा हैं ।। 4।।
फिक्र मत कर दोस्त लौट कर फिर आयेगे ।।
आँखों से हुई हर बरसात एक तन्हा है ।।5।।
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