बेकरार, जिगर के पार
छलनी करे, तेरा इन्तजार ।
रस की फुहार
बाहों का हार
जीवन में लाये
खुशियाँ हजार ॥
दूरी पहाड़
तेरा इन्तजार,
इक पल लगे
सदियाँ हजार ।
बेकरार, जिगर के पार
छलनी करे, तेरा इन्तजार ॥
नयना हमार
करे इन्तजार,
आजा वो कातिल
खंजर निकाल ।
कर जा तू, दिल के
टुकड़े हजार ॥
हर टुकड़ा करे
तेरी पुकार,
कहाँ मेरा यार
कहाँ मेरा प्यार ।
बेकरार, जिगर के पार
छलनी करे, तेरा इन्तजार ॥
सब देख कहे
कहाँ खोया यार,
कैसे कहे, तेरा इन्तजार ।
हर चाहत में
हर आहट में
तेरा इन्तजार, तेरा इन्तजार ॥
बहुत किया,
तेरा इन्त्जार,
इक झलक दे यार
मुस्का के प्यार ।
बेकरार, रौशन को यार
छलनी करे, तेरा इन्तजार ॥