अहसास भी बड़ा अजीब है
होता बड़ा करीब है
हो भले ही हजारों सुख करीब हमारे
फिर भी पिछले दुखों का अहसास जरुर होता अंदर हमारे
चाहे हो दुखो का पहाड़ हजार
पर पिछले सुखों का अहसास और करार
साथ ही आने वाले सुखो का भी होता है अहसाह
साथ रहने का अहसास तो बिछड़ने का भी अहसाह
आखिर क्या है ये अहसास
जब गहराइयों में उतर कर देखा तो पाया
कि जैसे जीवन जीने के लिए साँस है
कुछ पाने के लिये एक आस है
कृष्ण के लिये रास है और कह दो अगर तो
अहसास कुछ नहीं ये तो पाने कि एक प्यास है और खो देने का आभास है……